Monday 29 August 2011

नामजप कब करना चाहिए ?

नामजपके लिए सर्वोत्तम काल है ब्रह्म मुहूर्त | यदि हम ब्रह्ममुहूर्तमें उठकर नामजप करते हैं तो उस समय वातावरणमें अत्यधिक चैतन्य विद्यमान होता है क्योंकि ऋषि, मुनि, तपस्वी उसी समय उठकर साधना करते है इस कारण ब्रह्मांडकी सत्त्वित्कता अधिक होती है | परन्तु यदि हम ब्रह्ममुहूर्तमें उठकर नामजप न कर पायें तो हम क्या करें ?

एक बातका ध्यान रखें कि नामजप करना महत्वपूर्ण है यदि ब्रह्ममुहूर्तमें अत्यधिक नींद आ रही हो तो उस समय नामजप करनेकी अपेक्षा अपनी प्रवृति अनुसार जिस समय नामजप अच्छी तरहसे हो उस समय नामजप करना सर्वोत्तम होता है | उत्तम प्रकारसे नामजप करनेपर ५ % सात्त्विकता बढती है तो नींदके प्रभावमें येन-केन-प्रकारेण नामजप करनेसे १% सात्त्विकता बढती है | इस बात का ध्यान रखें कि दिनकी शुरुआत नाम जपसे करें जैसे की हमने अपनी दिनचर्यामें ही डाल दिया है कि सुबह उठनेके पश्चात प्रथम दो घंटे नामजप करुँगी तत्पश्चात ही अन्य सेवा आरम्भ करेंगे | इससे मुझे दिनभर सेवा करनेकी शक्ति तो मिलती ही है, साथ ही वर्तमान समयमें अनिष्ट शक्तियोंका कष्ट बढ़ रहा है अतः सुबहके नामजपसे मुझे दिनभर अनिष्ट शक्तियोंके कष्टसे रक्षण होता है, मेरे ऊपर नामजपका कवच रहनेके कारण मेरी कार्यक्षमता तो बढ़ ही जाती है, मन भी संपूर्ण दिवस आनंदमें रहता है और नामजपका संस्कार दिनप्रतिदिन बढ़ता जाता है | अतः यह संस्कार यदि हम अपने दिनचर्यामें डाल सकते है तो वह अति उत्तम होगा | जैसे कुछ लोग सुबह उठकर एक घंटे सर्वप्रथम समाचारपत्र पढ़ते हैं | आजकल समाचारपत्रमें क्या रहता है, कहीं दंगे हो गए , कहीं बाढ़ आ गया, तो कहीं डकैती हो gayi अथवा नेताओंके भ्रष्टाचारसे सम्बंधित समाचार तो होते हैं यह सब पढ़कर मन सुबह-सुबह खिन्न हो जाता है अतः दिनकी शुरुआत इश्वरके नामस्मरणसे करनेका प्रयास करना चाहिए | बड़े शहरोंमें सुबहसे कार्यालय जानेकी भागा-दौड़ी आरम्भ हो जाती है ऐसेमें कार्यालयके लिए जाते समय जब आप वाहनद्वारा प्रवास कर रहे हों तो नामजप करनेका प्रयास करें | आजकल metros में एक विकृत पद्धति देखनेको मिलती है, सुबह स्वयंके चार पहिये वाहनमें लोग जहाँ बैठते हैं, सीधे Fm रेडियो channel आरम्भ कर देते हैं और दिनकी शुरुआत राजसिक और तामसिक गानोंसे करते हैं | उसी समयका सदुपयोग आप नामजप करनेके लिए कर सकते हैं | वाहनमें नामजपकी ध्वनि चक्रिका अर्थात cd लगा सकते हैं या किसी संतके गाये हुए भजन लगा सकते हैं या संस्कृत स्त्रोत्र लगा सकते हैं | ऐसा करनेसे नामजप करनेके लिए पोषक वातावरण निर्माण हो जाता है और मन एकाग्रचित होकर नामजप करने लगता है | आधुनिक शोधके अनुसार हमारे जीवनके ८०% शारीरिक और मानसिक समस्याएं psychomatic होते हैं अर्थात अशांत मन के कारण होते हैं अतः हमने मनको शांत रखनेके उपाय अवश्य ही करने चाहिए और मनको शांत करनेका नामजपसे अच्छा साधन और सरल साधन कुछ हो ही नहीं सकता | नामजप करनेसे इश्वरकी कृपा तो सम्पादित होती ही है साथ ही हमारे मनमें आने वाले अनावश्यक विचार भी कम हो जाते हैं | ध्यानमें रखें हमारेमें विचारोंकी संख्या जितनी कम होगी हमारी व्यव्हार्रिक और अध्यात्मिक क्षमता उतनी ही बढ जाती है | चार पहिये वाहनमें आप अपने गुरुकी या इष्टदेवता के चित्र लगा सकते हैं उसमें वाहन शुद्धि संच लगा सकते हैं | इस सबसे धीरे-धीरे आपका वहां एक सत्त्त्विक स्थान बन जायेगा और आपके साधनाका एक स्थल भी | यह मुद्दा मैं क्यों बता रही हूँ क्योंकि जब नामजप करनेके लिए कहा जाता है तो सर्वप्रथम अधिकतर लोग यही कहते हैं कि नामजप करनेके लिए समय नहीं मिलता | यह कलियुग है माया अपने चरमपर है अतः हमें बुद्धिमानीसे अपने दिनचर्यामें ही समय निकालकर साधना करनेका प्रयास करना चाहिए | जो बससे कार्यालय जाते हैं वे भी नामजप करते हुए जा सकते हैं आजकल अनेक व्यक्तिको देखा है वे भ्रमण ध्वनि अर्थात मोबाइलमें फ़िल्मी गाने लगाकर बसमें प्रवास करते है, आप उसके स्थान नामजप हेतु पोषक अध्यात्मिक भजन, स्त्रोत्र या नाम जप लगा कर सुननेका प्रयास करें |

यदि आप सार्वजनिक वाहनसे प्रवास करते हैं तो नामजप आरम्भ करनेसे पूर्व अपने गुरु या इष्टदेवतासे इस प्रकार प्रार्थना कर सकते है "हे भगवान, मैं अभी नामजप करने जा रही हूँ मेरा नामजप एकाग्रता पूर्वक होने दें, मेरे शरीर , मन एवं बुद्धिके चारो अभेद्य सुरक्षा कवच निर्माण हो जिससेकिम आसपासके वातावरण एवं व्यक्तियोंके रज-तमका मुझपर प्रभाव न हो और मैं अखंड नामजप करनेका प्रयासका प्रयास कर सकूँ ऐसी आप कृपा करें " इस प्रकारके प्रयास करनेसे कुछ ही दिनों आपकी कितनी ही भीडभाडवाले स्थानमें हों आपका मन शांत हो नामजप करने लगेगा |

संकलक - तनुजा ठाकुर


4 comments:

  1. आप का लेख पर अंमल करना ही अपने आप मे फायदा हैं !

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  2. आपका बहुत धन्यवाद तनुजा जी

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  3. दीदी जी,,प्रणाम,, किसी निगुरे (जिसके गुरु न हों) व्यक्ति को दैहिक,, दैविक,,भौतिक शुख के लिए किस तरह की दिनचर्या अपनानी चाहिए..साथ ही किस मन्त्र का जाप करना चाहिए...कृपया बताने की कृपा करें.... नीरज कुमार मिश्रा

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  4. Please read all posts of Didi. You will get the answers.

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