Saturday 28 January 2012

साधना की दृष्टिकोण देती प्रेरक कथाएँ भाग – 9


एक देहाती कहावत है “बाढ़े पूत पिता के धरमे और खेती उपजे अपने करमे”  अर्थात पिता द्वारा किया हुआ धर्माचरण का प्रभाव संतति पर अवश्य ही पड़ता है और खेती के लिए पुरुषार्थ आवश्यक है | माता पिता की साधना का तेजस संतान में दिखता ही है इस संबंध में एक चोटी सी कथा बताती हूँ |

एक बार एक पंडित ने अनेक शास्त्रार्थ कर विद्वानों को परास्त कर प्रशस्ति पत्र एकत्रित कर रखे थे | उसे अपने अहम का अभिमान हो गया था | एक दिन किसी ने उनसे कहा “ यदि संत कबीर को शास्त्रार्थ में पराजित कर सको तो माने “!! अहंकार ने पंडित की विवेक को ऐसे ही नष्ट कर दिया था अतः वे अपने सर्व प्रशस्ति पत्र और ग्रंथ को एकत्रित कर, एक बैलगाड़ी में लाद संत कबीर से शास्त्रार्थ करने निकल पड़े | पूछते पूछते संत कबीर के गाँव पहुंचे | संत कबीर के दोनों संतान भी उच्च कोटी के साधक थे | पंडित संत कबीर के घर पहुंचे और उनकी बेटी से पूछा “क्या कबीर यहीं रहता है मुझे उनसे शास्त्रार्थ करना है “ उनकी बेटी ने बैलगाड़ी में लादे ग्रन्थों को देख सब समझ गयी और कहने लगी “ आपसे चूक हो गयी वे यहाँ नहीं रहते, यहाँ से दस मील दूर पश्चिम की ओर एक गाँव है वहाँ टीला पर उनका घर है “ |  पंडित ने उसकी बात मन बैलगाड़ी पश्चिम की ओर ले ली और अत्यधिक भटकने के पश्चात पुनः संत कबीर के घर पहुँच गए , पुनः उनकी भेंट उनकी पुत्री से हुई | वे भड़क उठे कहने लगे, “ कबीर का घर यही और तूने मुझे दिशाहीन कर इतना भटकने पर विवश किया तुम्हें लाज  आना चाहिए , जाओ तुरंत कबीर को बुलाओ , (उन्हे एक बुनकरको संत कहना स्वीकार्य नहीं था ), कबीरदास की पुत्री बोलीं
 “ऊंचे शिखर पर घर कबीर का, जहां सिलहिली गैब |
 पाओं न टीके पपील का, अपण्डित लादे बैल ||
अर्थात “ हे पंडित संत कबीर जिस ऊंचाई पर हैं (अर्थात अध्यात्म के उस गहराई में पहुँच चुके है जहां कोई विरला ही पहुंचता है ) वहाँ इतनी फिसलन है कि चीटीं जैसे सूक्ष्म जीव का पाँव फिसल सकता है, तो आप इस बैलगाड़ी में लादे ग्रन्थों के समान अपने अधिक अहम का  भार लेकर उनसे कैसे मिल सकते हैं (सान अहंकारियों से नहीं मिलते ) ? उसकी यह बात सुन पंडित पानी पानी हो गया और उससे क्षमा मांगने लगा और उससे उसका परिचय पूछा | जब उसने अपना परिचय बताया तो उसने कहा ,” जिसकी पुत्री इतनी तेजस्वी हो वह पिता कैसा होगा , मैं आपके दर्शन कर धन्य होगा कृपया संत कबीर के दर्शन कैसे  हो सकते हैं यह बताएं !  

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